सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध | Essay on information technology in Hindi
प्राचीन काल में व्यक्ति अपना संदेश किसी दूर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कबूतरों का उपयोग करता था कबूतर ने भी संवाद वह की भूमिका मुख्य रूप से निभाई है।
सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) के क्षेत्र में काफी ज्यादा विकास हो चुका है। सूचना प्रौद्योगिकी आज के समय में और बढ़ते समय के साथ बहुत बड़ा उद्योग बनते जा रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी देश के कई क्षेत्रों में पूरी तरह विकसित हो चुका है और इसने एक सफल भूमिका निभाई है इसके लिए आप अमेरिका और जापान जैसे देश को देख सकते हैं यह सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी ज्यादा सफल हो चुके हैं और काफी ज्यादा विकसित देश बन चुके हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी | Information Technology In Hindi
सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर कम से कम समय में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सकता है।

कंप्यूटर: एक वरदान
आज के समय में कंप्यूटर संसार का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से देश के प्रमुख स्थानों को एक दूसरे के साथ जोड़ दिया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी की सामाजिक आवश्यकता
सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। जिस समाज में सूचना का प्रसार एवं प्रचार अधिक है वह समाज उतना ही अधिक उन्नत और विकसित है आप दुनिया के कुछ बड़े देशों को देख सकते हैं जैसे जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन यह देश सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी ज्यादा विकसित देश है।
सूचना प्रौद्योगिकी के सकारात्मक प्रभाव
विश्व स्तर पर लाभ —, निर्णय लेने में सहायक—, कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना—, कर्मचारियों का रिकॉर्ड रखने मददगार—.
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लिखित कार्य में कमी –
कंप्यूटर के आने के बाद लिखित कार्य में बहुत ज्यादा कमी देखने को मिली है। आज से कुछ समय पहले संस्थान में जिस कार्य को करने हेतु कई कर्मचारियों की नियुक्ति करनी पड़ती थी आज उस कार्य को केवल एक ही व्यक्ति कंप्यूटर की सहायता से कम से कम समय में पूरा कर सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि संस्थान पहले की तुलना में ज्यादा प्रतियोगी एवं गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं कम खर्च में प्रदान कर सकते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी के नकारात्मक प्रभाव
बेरोजगारी में वृद्धि—.
सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) का सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव यह है कि इसके कारण लगातार बेरोजगारी बढ़ते ही जा रही है वर्तमान युग में किसी भी कार्यालय संस्था तथा उपक्रम में अधिकांश कार्य कंप्यूटर के द्वारा ही किए जाने लगे हैं जिस कार्य को पहले कई व्यक्ति मिलकर करते थे आज उस कार्य को केवल एक व्यक्ति कंप्यूटर पर कर देता है इस प्रकार बेरोजगारी में निरंतर वृद्धि होती जा रही है।
गोपनीयता का खतरा—
कंप्यूटर और केलकुलेटर की बढ़ती आदत–.
आज के समय में अधिकांश से व्यक्ति कंप्यूटर एवं केलकुलेटर के आदी हो चुके हैं, कोई भी व्यक्ति स्वयं अपना दिमाग लगाकर कोई चीज जोड़ना या घटाना नहीं चाहता हर व्यक्ति कंप्यूटर या अपने स्मार्टफोन में ही जहां का उपयोग करके जोड़ना घटाना गुणा भाग कर लेता है जिस कारण बाद में उसको केलकुलेटर के अभाव में गणितीय क्रियाओं को करने में काफी परेशानी होती है इसलिए केलकुलेटर ने मानव जीवन में गणितीय क्रियाओं को आसान तो बनाया है लेकिन हमारे दिमाग में लगे केलकुलेटर की कार्य क्षमता को प्रभावित कर दिया है।
कंप्यूटर की बढ़ती आदत ने मानव जीवन को काफी प्रभावित किया है आजकल लगभग सभी व्यक्ति कंप्यूटर पर गेम क्विज आदि में अपना अधिकतर समय व्यतीत करते हैं कंप्यूटर चलाते समय वह प्राय वातानुकूलित कमरे में बैठे रहते हैं जिससे उन्हें इसकी आदत पड़ जाती है लेकिन शायद वह यह नहीं जानते कि यह सब उनके स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है।
कंप्यूटर में स्टोर डाटाबेस की सुरक्षा को खतरा—
आज के समय में लगभग हर व्यक्ति अपने बैंक अकाउंट को इलेक्ट्रॉनिक डाटा के रूप में रखते हैं धन राशि निकालने के लिए ग्राहकों द्वारा एटीएम कार्ड का प्रयोग किया जाता है इस प्रकार आज रिकॉर्ड कागजों में ना रखकर मैग्नेटिक माध्यम से कंप्यूटर में रखा जाता है यदि कंप्यूटर सिस्टम में वायरस आ जाए तो पूरा का पूरा डेटाबेस कुछ ही सेकंड में नष्ट किया जा सकता है यदि डेटाबेस का बैकअप नहीं रखा गया हो तो पूरे के पूरे रिकॉर्ड नष्ट हो जाते हैं इस प्रकार डाटा देश की सुरक्षा को सदैव खतरा बना रहता है।
सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology in Hindi) के बारे में हिंदी जानकर आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं यदि आपके इससे संबंधित कोई समस्या या सवाल है तो आप हमसे निश्चिंत होकर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हम आपके सवालों का जवाब अवश्य देंगे।
5 thoughts on “सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध | Essay on information technology in Hindi”
Please ese hi kuch aur mil sakta hai kya पढ़ने ko..
Please कुछ aur mil sakta hai kya study करने को सूचना प्रौद्योगिकी पर
जी जरूर, हम जल्द ही इसके बारे में और जानकारियां अपने इस ब्लॉग पर साझा करेंगे हमारे ब्लॉग से बने रहें, धन्यवाद
if u have any meterial related to information technology plz share with me
Oh my goodness! Impressive article dude! Many thanks, However I am encountering issues with your RSS. I don’t know why I can’t subscribe to it. Is there anybody getting identical RSS issues? Anyone who knows the solution can you kindly respond? Thanx!!
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सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – Information Technology Essay In Hindi
सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – essay on information technology in hindi.
- प्रस्तावना,
- सूचना–प्रौद्योगिकी का मानव–जीवन में महत्त्व,
- सूचना–प्रौद्योगिकी के लाभ,
- (क) शिक्षा के क्षेत्र में,
- (ख) व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में,
- (ग) डिजिटल इण्डिया मिशन और सूचना–प्रौद्योगिकी,
- (घ) अन्य क्षेत्रों में,
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – Soochana Praudyogikee Aur Maanav Kalyaan Nibandh
प्रस्तावना– सूचनाओं के आदान–प्रदान का मनुष्य–जीवन में बड़ा महत्त्व है, इसलिए खूचनाओं के आदान–प्रदान के लिए दिन–प्रतिदिन नई–नई तकनीकों का विकास हो रहा है। मोबाइल ओर इण्टरनेट इसके दो महत्त्वपूर्ण उपकरण हैं। सूचनाओं के आदान–प्रदान की यही तकनीक सूचना–प्रौद्योगिकी के नाम से जानी जाती है।

आज सूचना– प्रौद्योगिकी ने ज्ञान और विकास के द्वारों को एक साथ खोल दिया है। हमारे आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथा अन्य सभी क्षेत्रों पर सूचना–प्रौद्योगिकी के कारण हुए विकास की स्पष्ट छाप लक्षित होती है।
सूचना–प्रौद्योगिकी ने हमें विकास की एक नई दुनिया की ओर अग्रसर किया है। वर्तमान में कम्प्यूटर, इण्टरनेट, टेलीफोन, मोबाइल फोन, फैक्स, ई–मेल, ई–कॉमर्स, स्मार्ट कार्ड, क्रेडिट कार्ड तथा एटीएम कार्ड आदि सूचना–प्रौद्योगिकी के सशक्त माध्यम हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी का मानव–जीवन में महत्त्व–देश के विकास की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में आज सूचना–प्रौद्योगिकी का विशेष महत्त्व है। सूचना–प्रौद्योगिकी के कारण आज समस्त विश्व की दूरियाँ सिमट गई हैं। अब पलक झपकते ही सूचनाओं और सन्देशों का आदान–प्रदान हो जाता है, जिससे शिक्षा, चिकित्सा–परिवहन तथा उद्योग आदि सभी के महत्त्व को निम्नलिखित बिन्दुओं के रूप में जाना जा सकता है–
- सूचना–प्रौद्योगिकी पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जरूरी और उपयुक्त तकनीक है।
- सूचना–प्रौद्योगिकी सेवा और आर्थिक क्षेत्र का प्रमुख आधार बन गई है।
- सूचना–प्रौद्योगिकी की सहायता से प्राप्त सूचनाओं से समाज का सशक्तीकरण होता है।
- सूचना–प्रौद्योगिकी द्वारा प्रशासन और सरकार के कार्यों में पारदर्शिता आती है, यह भ्रष्टाचार नियन्त्रण में अत्यन्त प्रभावी है।
- सूचना–प्रौद्योगिकी के माध्यम से गरीब जनता को सूचना–सम्पन्न बनाकर ही गरीबी का उन्मूलन किया जा सकता है।
- सूचना–प्रौद्योगिकी का सर्वाधिक प्रयोग योजनाएँ बनाने, नीति–निर्धारण करने तथा निर्णय लेने में होता है।
- सूचना–प्रौद्योगिकी नवीन रोजगारों का सृजन करती है।
- आज सूचना–प्रौद्योगिकी वाणिज्य और व्यापार का जरूरी अंग है।
- इस प्रकार सूचना–प्रौद्योगिकी मानव–जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग बन गई है।
सूचना–प्रौद्योगिकी के लाभ–सूचना–प्रौद्योगिक का लक्ष्य समाज को अधिक–से–अधिक लाभ पहुंचाने का रहा है। इसके माध्यम से हमें निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त हो रही हैं–
- कम्प्यूटर और मोबाइल द्वारा रेलवे टिकट एवं आरक्षण।
- बैंकों का कम्प्यूटरीकरण एवं एटीएम की सुविधा।
- ई–बैंकिंग एवं मोबाइल बैंकिंग से आर्थिक लेन–देन और सूचनाओं के आदान–प्रदान की सुविधा।
- ऑनलाइन क्रय–विक्रय (सेल्स–पर्चेजिंग) की सुविधा।
- इण्टरनेट द्वारा रेल टिकट एवं हवाई टिकट का आरक्षण।
- इण्टरनेट द्वारा एफ० आई० आर० दर्ज कराना।
- न्यायालयों के निर्णय भी ऑनलाइन उपलब्ध होना।
- किसानों के भूमि रिकॉर्डों का कम्प्यूटरीकरण।
- ऑनलाइन रिजल्ट की सुविधा।
- राशनकार्ड, आधारकार्ड, मतदाता पहचान–पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा।
- शिकायतें भी ऑनलाइन की जा सकती हैं।
- सभी विभागों की पर्याप्त जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है।
- आयकर की फाइलिंग भी ऑनलाइन की जा सकती है।
इस प्रकार सूचना–प्रौद्योगिकी से मानव के धन, श्रम और समय की पर्याप्त बचत हो रही है तथा मानव विकास और समृद्धि की दिशा में तीव्रगति से आगे बढ़ रहा है।
सूचना–प्रौद्योगिकी के साधन– सूचना–प्रौद्योगिकी को व्यापक बनाने में कम्प्यूटर, इण्टरनेट, टेलीफोन, मोबाइल फोन का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा है। इन संसाधनों के माध्यम से ई–कॉमर्स, ई–मेल, ऑनलाइन सरकारी काम–काज हेतु ई–प्रशासन, ई–गवर्नेस, ई–बैंकिंग, ई–एज्यूकेशन, ई–मेडिसन, ई–शॉपिंग आदि से विकास की गति को बढ़ाया जा रहा है। कम्प्यूटर युग के इन संचार माध्यमों से हमने सूचना–प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना एक स्थान बनाया है।
सूचना–प्रौद्योगिकी का प्रभाव–सूचना–प्रौद्योगिकी ने आज विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक नई अर्थव्यवस्था को जन्म दिया, जिससे समाज का प्रत्येक क्षेत्र प्रभावित हुआ है। सूचना–प्रौद्योगिकी का सबसे अधिक प्रभाव निम्नलिखित क्षेत्रों पर अधिक पड़ा है–
(क) शिक्षा के क्षेत्र में सूचना–प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में सूचना–प्रौद्योगिकी का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। सूचना–प्रौद्योगिकी की सहायता से विद्यार्थी अब ई–पुस्तकें, परीक्षा के लिए प्रतिदर्श प्रश्न–पत्र, पिछले वर्ष के प्रश्न–पत्र आदि देखने के साथ–साथ विषय–विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और अपने जैसे प्रतियोगियों से दुनिया के किसी भी कोने से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।
ऑनलाइन पाठ्य–सामग्री से भी अध्ययन किया जा सकता है। ऑनलाइन प्रवेश–प्रक्रिया द्वारा विद्यार्थियों को निरर्थक भाग–दौड़ से छुटकारा मिल गया है। आज विभिन्न पाठ्यक्रमों; जैसे–बी०ई०, बी०–आर्क, एम०बी०ए०, एम०बी०बी०एस०, बी० एड० आदि की प्रवेश परीक्षाओं में सम्मिलित होना सरल हो गया है। सारी सूचनाएँ ऑनलाइन होने से दूरस्थ शिक्षा में भी सूचना–प्रौद्योगिकी महत्त्वपूर्ण साधन बन चुकी हैं।
(ख) व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में सूचना–प्रौद्योगिकी–व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में सूचना–प्रौद्योगिकी अत्यन्त प्रभावी सिद्ध हो रही है। वित्त रिकॉर्ड कीपिंग, लेन–देन का विश्लेषण और उनके विवरण तैयार करने में सूचना–प्रौद्योगिकी पर्याप्त सहायक हुई है।
ई–कॉमर्स द्वारा उत्पाद की ऑनलाइन सूची और ऑनलाइन भुगतान प्रणाली काफी प्रभावी है। बड़े–बड़े संस्थानों में जहाँ अनेक व्यक्ति काम करते हैं, वहाँ उनके वेतन, भत्तों, मासिक देनदारियों के विवरण तैयार करने, छुट्टी निर्धारण और आयोजना को लागू करने में सूचना–प्रौद्योगिकी का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
इस प्रकार उत्पादन–प्रणालियों और भण्डारण–व्यवस्था के संचालन में सुविधा हो गई है। अब किसी कम्पनी का कोई भी अधिकृत व्यक्ति एक बटन दबाकर पूरे माल का रिकॉर्ड देख सकता है। वह अपनी योजनाओं में भी सुधार कर सकता है। इस प्रकार पूरे व्यवसाय के ऑनलाइन होने से व्यापार करना सुगम हो गया है।
(ग) डिजिटल इण्डिया मिशन और सूचना–प्रौद्योगिकी–सूचना–प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत अग्रणी राष्ट्रों में से एक है। भारत सरकार द्वारा शासन और प्रशासन में नागरिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए माई गवर्नमेंट जैसी वेबसाइटों का सृजन किया गया है, जिनको भारी जन समर्थन मिला है।
डिजिटल इण्डिया में ब्रॉडबेण्ड हाई–वे और मोबाइल कनेक्टिविटी के माध्यम से ई–गवर्नेस के अन्तर्गत सरकारी कार्यों और योजनाओं में सुधार, सभी के लिए सूचनाओं की उपलब्धता, नौकरियों में पारदर्शिता, तकनीकी शिक्षा के विकास द्वारा उत्पादन में वृद्धि आदि योजनाएँ सम्मिलित हैं।
इसके अन्तर्गत सभी मन्त्रालयों एवं सरकारी विभाग आपस में जुड़े हैं। इस मिशन का उद्देश्य लोगों की भागीदारी के माध्यम से गुणात्मक परिवर्तन लाना, भारत को तकनीकी दृष्टि से उन्नत बनाना तथा समाज और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है।
(घ) अन्य क्षेत्रों में सूचना–प्रौद्योगिकी–शिक्षा, व्यापार, उद्योग, नौकरी, कृषि, प्रशासन के अतिरिक्त सूचना–प्रौद्योगिकी जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता सिद्ध करने के साथ ही अपशिष्ट–संग्रह और निष्पादन उद्योग में भी कारगर सिद्ध हुई है। अपशिष्ट–प्रबन्धन के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विस्तार के पीछे सक्षम प्रौद्योगिकी समाधान की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
उपसंहार– इस प्रकार कहा जा सकता है कि सूचना–प्रौद्योगिकी ने लोगों को अपने अधिकारों, कर्तव्यों एवं दायित्वों के प्रति जागरूक बनाकर एक प्रगतिशील समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। एक विश्व की संकल्पना को एक रचनात्मक बल मिला है। निश्चय ही सूचना–प्रौद्योगिकी एक दिन सम्पूर्ण विश्व को समृद्ध बनाकर सर्वत्र सुख और शान्ति का साम्राज्य स्थापित करने में सफल होगी।
सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध | Essay On Information Technology In Hindi
नमस्कार दोस्तों आज का निबंध सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध Essay On Information Technology In Hindi पर दिया गया हैं.
इस निबंध में हम सूचना प्रोद्योगिकी क्या है इसके प्रकार लाभ उद्देश्य आदि को सरल भाषा में जानेंगे. class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 Students के लिए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का यह निबंध दिया गया हैं.
सूचना प्रौद्योगिकी निबंध Essay On Information Technology In Hindi

प्रस्तावना – प्राचीनकाल से ही मनुष्य दूरस्थ व्यक्ति से सम्पर्क के अनेक प्रकार के उपायों को काम में लाता रहा हैं.
आदिम जन जातियों में ढोल या नगाड़ो की सांकेतिक ध्वनियों अथवा सींग के बाजों द्वारा संदेश दिए जाते थे. शांति के संदेशवाहक कबूतरों ने भी संवाद वाहक की भूमिका निभाई,
धीरे धीरे एक व्यवस्थित डाक प्रणाली का विकास हुआ. वैज्ञानिक प्रगति के साथ साथ अनेक संचार उपकरणों का अविर्भाव हुआ और अब हम दूर संचार के नाम से एक क्रांतिकारी संचार तन्त्र के विकास व स्थापना में जुटे हुए हैं. तार टेलीग्राफ से इंटरनेट तक की यह विकास यात्रा बड़ी रोचक और रोमांचक रही हैं.
दूरसंचार की आवश्यकता – आज मानवीय गतिविधियाँ इतनी बहुसंख्यक और संकुल हो चुकी हैं कि सम्पर्क के सामान्य साधन अक्षम और अपर्याप्त सिद्ध हो गये हैं.
सामान्य व्यक्ति से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों के लोग दूरसंचार पर आश्रित हो गये हैं. दूरसंचार ने विश्व को चमत्कारित रूप से छोटा कर दिया हैं.
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संसार के किसी भी कोने में घटित महत्वपूर्ण घटना को सर्वविदित कराने में में दूरसंचार की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हो चुकी हैं.
दूरसंचार के प्रमुख साधन – विज्ञान ने आज हमें दूरसंचार के विविध साधन उपलब्ध करा दिए हैं. टेलीफोन, मोबाइल फोन रेडियो, टेलीविजन, फैक्स, संचार उपग्रह, इंटरनेट आदि उपकरणों ने सूचनाओं के आदान प्रदान के क्षेत्र के अनंत विस्तार देने के साथ साथ बड़ा सुगम और सुलभ बना दिया हैं.
भारत में दूरसंचार का महत्व – सारा विश्व आज दूरसंचार क्रांति से गुजर रहा हैं. भारत भी उससे अछूता नहीं हैं. आज भारत में दूरभाष को व्यापक बनाने में बी एस एन एल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा उसे गाँव गाँव तक पहुचाने में सफलता प्राप्त की हैं.
स्वचालित एक्सचेंज प्रणाली के आगमन से दूरसंचार में क्रांति आई हैं. इसके अतिरिक्त कदम कदम पर पी सी ओ बूथ तथा प्रत्येक जेब में मोबाइल उपलब्ध हैं. इस दिशा में मोबाइल फोन का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.
आज बीएसएनएल, रिलायंस, आइडिया, वोडाफोन, टाटा इंडिकॉम, एयरटेल, युनिनोर, ऐरसल, MTS आदि अनेक कम्पनियां मोबाइल फोन सुविधा उपलब्ध करा रही हैं.
कुछ दिन पहले ही 3G सेवा का अधिकार दूरसंचार कम्पनियों को मिल गया हैं. मोबाइल पर विडियो कांफ्रेसिंग तथा लाइव टीवी देखना भी सम्भव हो गया हैं.
दूरसंचार क्रांति का प्रभाव और भविष्य – दूरसंचार के क्रांतिकारी प्रसार ने भारत के जन जीवन को गहराई से प्रभावित किया हैं, साधारण गृहस्थ से लेकर व्यवसायी, चिकित्सक, वैज्ञानिक और प्रशासन तंत्र सभी इससे लाभान्वित हो रहे हैं.
इस क्रांति का प्रभाव बड़ा दूरगामी सिद्ध होगा. इससे शासन प्रशासन में शीघ्रता, चुस्ती और पारदर्शिता आएगी. राष्ट्रीय एकता पुष्ट होगी. भारत का विश्व की आर्थिक शक्ति बनने का सपना भी दूरसंचार की सर्वसुलभता पर निर्भर हैं.
उपसंहार – दूरसंचार और सूचना प्रोद्योगिकी निरंतर सुधार और विस्तार की ओर अग्रसर हैं. सूचना के नवीनतम साधनों ने डाक व्यवस्था का महत्व समाप्त सा कर दिया है.
मोबाइल फोन ने पत्र लेखन को इतिहास की वस्तु सा बना दिया है. देखना हैं कि दूरसंचार के क्षेत्र में और कौन से चमत्कार सामने आते हैं.
भारत में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध Information Technology Essay In Hindi
वर्तमान में नवीनतम वैज्ञानिक आविष्कारों का युग है. आज मानव ने ऐसें ऐसें यंत्र बना लिए है, जिनके द्वारा वह अपने शयन कक्ष में बैठे ही जान सकता है.
यह कंप्यूटर के आविष्कार का क्रांतिकारी परिणाम है कि एक छोटे से मोबाइल फोन से आप न केवल संदेश अपितु अति गोपनीय दस्तावेज की फोटोकॉपी इच्छित व्यक्ति तक सेकंडो में पंहुचा सकते है.
कंप्यूटर क्रांति क्र कारण सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रगति हुई है और इसका अब हर क्षेत्र में उपयोग हो रहा है.
भारत में सूचना क्रांति (Information revolution in India)
हमारे देश में सन 1984 से कंप्यूटर निति की घोषणा की गई. इसी घोषणा से देश में देश में कंप्यूटर क्रांति का सूत्रपात हुआ. इलेक्ट्रोनिक आयोग के तत्वाधान में दिल्ली में राष्ट्रीय सूचना केंद्र स्थापित किया गया, जिनमें कंप्यूटर साइबर 630 लगाया गया.
इस केंद्र से दिल्ली के अनेक विभागों के निदेशालय के कंप्यूटर जोड़े गये, साथ ही राज्यों की राजधानी एवं मुख्यालयों को सुपर कंप्यूटर के माध्ग्य्म से इस प्रकार जोड़ा गया ताकि वह आदान प्रदान में शीघ्रता एवं गोपनीयता बनी रहे.
इसी प्रकार रेलवे, डाक विभागों, राष्ट्रीयकृत बेंको, विविध शिक्षणाल्यों एवं तकनिकी संस्थानों को दूर संचार उपग्रह सेवा के द्वारा सूचना तन्त्र का विकास किया गया.
इसके साथ ही विद्यालयों एवं महाविद्यालयों आदि में कंप्यूटर शिक्षा को ज्ञान गंगा चैनल द्वारा प्रभावी दंग से प्रारम्भ किया गया. इन सब प्रयासों से आज भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का तीव्रगति से विकास हो रहा है.
सूचना प्रौद्योगिकी का विकास (Development of information technology)
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पिछले एक दशक में जो क्रांति आई, उसका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देने लगा है. आज कंप्यूटर के एक छोटे से पुश बटन को दबाकर विश्व के किसी भी कोने से सम्पर्क कायम किया जा सकता है.
इससे इंटरनेट, वेबसाइट आदि के द्वारा त्वरित गति से संदेशों का आदान-प्रदान करना तथा अनेक बातों की जानकारी हासिल करना आसान हो गया है.
अब सूचना प्रौद्योगिकी दैनिक कार्य प्रणाली से लेकर चिकित्सा, स्वास्थ्य, कृषि, बैंकिग, बीमा के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन का आधार बनती जा रही है.
सूचना प्रौद्योगिकी से लाभ (Benefits of Information Technology)
सूचना प्रौद्योगिकी के आविष्कार से अनेक लाभ है. सबसे अधिक लाभ समाचार पत्रों एवं दूरदर्शन के विविध चैनलों को सुचना के आदान-प्रदान एवं प्रसारण के क्षेत्र में हुआ है.
इसके बाद बड़े औद्योगिक परिसरों एवं सरकारी उपक्रमों को इससे काफी लाभ हुआ है और उनमे कार्य कुशलता में वृद्धि हुई है.
इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भी सूचना प्रौद्योगिकी से नवीन क्रांति आ गई है. नविन वैज्ञानिक अनुसंधानो नवीनतम यंत्रो आदि के संचालन एवं विकास में सूचना प्रोद्योगिकी का विशेष अवदान दिखाई दे रहा है.
इससे रोजगार के अवसर भी बढ़े है तथा विशालतम दूर संचार नेटवर्क स्थापित करने से हमारे देश को अत्यधिक लाभ हो रहा है.
संक्षेप में कहा जा सकता है कि कंप्यूटर के आविष्कार से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति आई है. भारत सहित पूरे विश्व में सूचना प्रौद्योगिकी को इस तरह अपनाया जा रहा है.
जिससे सम्पूर्ण विश्व छोटा पड़ता जा रहा है. विश्व के सॉफ्टवेयर उद्योग में भारत का योगदान उतरोतर बढ़ता जा रहा है. इस तरह हम इससे दूर संचार के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति हो रही है.
Most Powerful People In Technology टेक्नोलॉजी के सबसे ताकतवर लोग
वैसे तो IT की क्रांति किसी एक इंसान के कंधे पर सवार होकर नहीं आई हे. लाखों लोगों का Vision और उनकी मेहनत लगी हे. क्रांति को इस मुकाम तक लाने में.
फिर भी कुछ चेहरे ऐसे हे, जो ओरों से अलग दीखते हे. इन चमकते चेहरों में करनी की पटकथा लिखी हे और उसे Hit बनाया हे.
Microsoft के Bill Gates या Apple के स्टीव जॉब्स के योगदान को इस नजरिये से देखा जा सकता हे. आज हम आपको Technology की दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों से रूबरू कराएँगे,
जो World Wide Web, Blogging, Portal, Social Sites, Software, Hardware आदि में क्रांति को आगे बढ़ा रहे हे.
शेरिल सैंडबर्ग
Facebook का नाम सब जानते हे और यह भी जानते हे की इसे मार्क जुकरबर्ग ने Start किया हे. आज वे इस कम्पनी का चेहरा हे. लेकिन कम्पनी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, CEO शेरिल सैंडबर्ग का Vision और उनकी मेहनत इस कम्पनी को आगे बढ़ा रही हे.
इसमें कोई संदेह नहीं हे की दुनिया की सबसे लोकप्रिय Social Sites को आगे बढाने और नए-नए प्रयोग करने में शेरिल की बहुत बड़ी भूमिका हे.
Apple में टीम कुक ने लीजेंडरी स्टीव जॉब्स की जगह ली हे. जॉब्स ने जिस तरह से तकनीक को बदला था, उसकी मिशाल मुश्किल हे. लोग Technology को कैसे देखें और कैसे उसका इस्तेमाल करे यह नजरिया जॉब्स ने बदला था.
उनकी जगह लेना मुश्किल हे, लेकिन कुक ने उनकी जगह को भरा हे. जॉब्स को श्रदांजली के तौर पर उन्होंने कई उत्पाद लौंच किये हे. iphone 5s के बाद iphone 6, iphone 6 plus और एप्पल वाच लौंच किया हे. वे जॉब्स की विरासत को आगे बढ़ा रहे हे.
दुनिया की सबसे पॉवरफुल और लोकप्रिय Search Engine Google की सह संस्थापक और CEO हे लैरी पेज. 2012 में उनकी निजी सम्पति 20 अरब डॉलर से ज्यादा थी और वे अमेरिका के सबसे धनी लोगों की सूचि में 13 वें नंबर पर थे.
दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन शौपिंग कम्पनी Amazon के संस्थापक जेफ़ बेजोस ने अभी दुनिया के सबसे अमीर आदमी बिल गेट्स को कुछ घंटो के लिए पीछे छोड़ दिया था. यह कम्पनी भारत में सबसे बड़ा कारोबार कर रही हे.
दुनिया की सबसे मशहूर लोकप्रिय Social Sites में से एक हे Linkedin के CEO हे वेनर. दो सो देशों में 20 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड User इस कम्पनी के हे. वेनर Yahoo के साथ काम कर चुके हे.
पाल ओटेलिनी
इंटेल के अध्यक्ष और CEO हे ओटेलिनी. उन्होंने 1974 में इस कम्पनी को ज्वाइन किया था. वे अभी Google के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर में भी हे. दुनिया भर के डिवाइस में लगने वाले माइक्रोप्रोसेसर का सबसे बड़ा हिस्सा इंटेल से बन कर जाता हे.
लैरी दुनिया की मशहूर कम्पनी Oracle के को फाउंडर हे. उनकी सम्पति 41 अरब डॉलर की हे. उनके नेतृत्व में ओरेकल कंप्यूटर हार्डवेयर और एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक बनी हे.
- कंप्यूटर का परिचय
- पर्यावरण का अर्थ व परिभाषा
- पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
- इंटरनेट की उपयोगिता पर निबंध
उम्मीद करता हूँ दोस्तों सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध Essay On Information Technology In Hindi का यह निबंध आपको पसंद आया होगा. यदि आपको सूचना प्रोद्योगिकी के निबंध में दी जानकारी पसंद आई हो तो अपने फ्रेड्स के साथ शेयर जरुर करें.
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उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बरसों में इंटरनेट पर जिन तीन भाषाओं का दबदबा होगा, वे है- हिंदी, मैडरिन और इंग्लिश, शिमट के बयान से हमारे उन लोगों की आंखें खुल जानी चाहिए जो यह मानते है कि कंप्यूटिंग का बुनियादी आधार इंगलिश है ।
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यह धारणा सिरे से गलत है । कंप्यूटिंग की भाषा अंकों की भाषा है और उसमें कंप्यूटर सिर्फ दो अंकों-एक और जीरो, को समझता है । कोई भी तकनीक तभी कामयाब हो सकती है जब वह उपभोक्ता के अनुरूप अपने आप को ढाले ।
भारत के संदर्भ में कहें तो आईटी के इस्तेमाल को हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं में ढालना ही होगा । यह अपरिहार्य है । वजह बहुत साफ है और वह यह है कि हमारे पास संख्या बल है । हमारे पास पढे-लिखे, समझदार और स्थानीय भाषा को अहमियत देने वाले लोगों की तादाद करोड़ों में है । अगर इन करोड़ों तक पहुँचना है, तो उसे भारतीयता, भारतीय भाषा और भारतीय परिवेश के हिसाब से ढलना ही होगा । इसे ही तकनीकी भाषा में लोकलाइजेशन कहते हैं ।
हमारे यहां भी कहावत है- जैसा देश, वैसा भेष । आईटी के मामले में भी यह बात सौ फीसदी लागू होती है । साँफ्टवेयर क्षेत्र की बड़ी कंपनियां अब नये बाजारों की तलाश में है, क्योंकि इंगलिश का बाजार ठहराव बिंदु के करीब पहुच गया है । इंगलिश भाषी लोग संपन्न हैं और कंप्यूटर आदि खरीद चुके हैं । अब उन्हें नये कंप्यूटरों की जरूरत नहीं ।
लेकिन हम हिंदुस्तानी अब कंप्यूटर खरीद रहे हैं, और बड़े पैमाने पर खरीद रहे हैं । हम अब इंटरनेट और मोबाइल तकनीकों को भी अपना रहे है । आज कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में हमारे यहां क्रांति हो रही है । ये आंकड़ें किसी भी मार्केटिंग एक्जीक्यूटीव को ललचाने के लिए काफी है ।
जो भी तकनीक आम आदमी से जुड़ी है, उसमें असीम बढ़ोतरी की हमारे यहां गुंजाइश है । हमारी इकॉनामी उठान पर है, लिहाजा तकनीक का इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद में जैसे विस्फोट सा हुआ है । बाजार का कोई भी दिग्गज भारत की अनदेखी करने की गलती नहीं कर सकता । वह भारतीय भाषाओं की अनदेखी भी नहीं कर सकता ।
वे इन भाषाओं को अपनाने भी लगे हैं । हिंदी के पोर्टल भी अब व्यावसायिक तौर पर आत्मनिर्भर हो रहे हैं । डॉटकॉम जलजले को भुलकर कई भाषायी वेबसाइटों अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं और रोजाना लाखों लोग उन पर पहुंच रहे हैं । पिछले दस बरसों में किसी अंतर्राष्ट्रीय आईटी कंपनी ने हिंदी इंटरनेट के क्षेत्र में दिलचस्पी नहीं दिखाई ।
लेकिन अब वे हिंदी के बाजार में कूद पड़ी हैं । उन्हें पता है भारतीय कंपनियों ने अपनी मेहनत से बाजार तैयार कर दिया है । चूंकि अब हिंदी में इंटरनेट आधारित साँफ्टवेयर परियोजना लाना फायदे का सौदा है इसलिए चाहे वह याहू हो, चाहे गूगल हो या एमएमएन, सब हिंदी में आ रहे है । माइक्रोसॉफ्ट के डेस्कटॉप उत्पाद हिंदी में आ रहे है ।
आईबीएम, सन माइक्रोसिस्टम और ओरेकल ने हिंदी को अपनाना शुरू कर दिया है । लिनक्स और मैकिन्टोश पर भी हिंदी आ गयी है । इंटरनेट साँफ्टवेयर एक्सप्लोरर, नेटस्केप, मोजिला और ओपेरा जैसे इंटरनेट बाजार को हिंदी को समर्थन देने लगे हैं । ब्लॉगिंग के क्षेत्र में भी हिंदी की धूम है । आम कंप्यूटर उपभोक्ता के कामकाज से लेकर डाटाबेस तक में हिंदी उपलब्ध हो गयी है । यह अलग बात है कि अब भी हमें बहुत दूर जाना है, लेकिन एक बड़ी शुरू आत हो चुकी है, और इसे होना ही था ।
यह दिलचस्प संयोग है कि इधर एनकोडिंग सिस्टम ने हिंदी को इंग्लिश के समान ही सक्षम बना दिया है और लगभग इसी समय भारतीय बाजार में जबर्दस्त विस्तार आया है । कंपनियों के व्यापारिक हितों और हिंदी की ताकत का मेल ऐसे में अपना चमत्कार दिखा रहा है । इसमें कंपनियों का भला है और हिंदी में भी, फिर भी चुनौतियों की कमी नहीं है ।
हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में मानकीकरण (स्टैंडर्डाईजेशन) आज भी एक बहुत बडी समस्या है । यूनिकोड के जरिए हम मानकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ी छलांग लगा चुके हैं । उसने हमारी बहुत सारी समस्याओं को हल कर दिया है । संयोगवश यूनिकोड के मानकीकरण को भारतीय आईटी कंपनियों का जितना समर्थन मिला, उतना की-बोर्ड के मानकीकरण को नहीं मिला ।
भारत का अधिकारिक की-बोर्ड मानक इनस्क्रिप्ट है । यह एक बेहद, स्मार्ट किस्म की अत्यंत सरल और बहुत तेजी से टाइप करने वाली की-बोर्ड प्रणाली है । फोन्टों की असमानता की समस्या का समाधान तो पास दिख रहा है, लेकिन की-बोर्ड की अराजकता का मामला उलझा हुआ है । ट्रांसलिटरेशन जैसी तकनीकों से हम लोगों को हिंदी के करीब तो ला रहे हैं, लेकिन की-बोर्ड मानकीकरण को उतना ही मुश्किल बनाते जा रहे हैं ।
यूनिकोड को अपनाकर भी हम अर्ध मानकीकरण तक नहीं पहुच पाए हैं । हिंदी में आईटी की और गति देने के लिए हिंदी कप्यूटर टाइपिंग की ट्रेनिंग की ओर भी अब तक ध्यान नहीं दिया गया है । फिलहाल लोग इंगलिश में कप्यूटर सीखते हैं और बाद में तुक्केबाजी के जरिए हिंदी में थोड़ा बहुत काम निकालते हैं । सरकार चाहे तो की-बोर्ड पर इंगलिश के साथ-साथ हिंदी के अक्षर भी अंकित करने का आदेश देकर इस समस्या का समाधान निकाल सकती है ।
अगर आईटी में हिंदी का पूरा फायदा उठाना है, तो बहुत सस्ती दरों पर साँफ्टवेयर मुहैया कराए जाने की भी जरूरत है । गैर-समाचार बेवसाइटों के क्षेत्र में हिंदी को अपनाने की तरफ कम ही लोगों का ध्यान गया है । सिर्फ साहित्य या समाचार आधारित हिंदी पोर्टलों, वेबसाइटों या ब्लॉगों से काम नहीं चलेगा । तकनीक, साइंस ई-कॉमर्स, ई-शिक्षा, ई-प्रशासन आदि में हिंदी वेबसाइटों की हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में लाने की चुनौती को भी हल करना होगा ।
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भारत में सूचना क्रांति का प्रसार पर निबंध । Essay On Information Technology In Hindi
संकेत बिन्दु-
- भारत में सूचना प्रौद्योगिकी या संचार
- सूचना प्रौद्योगिकी का विकास या संचार माध्यमों का प्रसार
- सूचना प्रौद्योगिकी या संचार माध्यमों से लाभ
1. प्रस्तावना –

वर्तमान काल नवीनतम वैज्ञानिक आविष्कारों का युग है । पहले दूर – संचार के सीमित साधन थे । बेतार का तार ( वायरलेस ) , तार , टेलीप्रिन्टर , रेडियो आदि साधनों से सूचना समाचार प्रेषण होता था । परन्तु अब कम्प्यूटर के आविष्कार के साथ टेलीफोन , मोबाइल , टेलीविजन आदि अनेक इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के आविष्कारों से इस क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति हुई है । वस्तुतः कम्प्यूटर क्रान्ति के कारण दूर संचार के क्षेत्र में विशेष प्रगति हुई है तथा इससे आज के मानव का दैनिक जीवन काफी प्रभावित हो रहा है । आज संचार – साधनों से समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है ।

2. भारत में सूचना प्रौद्योगिकी या संचार क्रांति –
हमारे देश में सन् 1984 में केन्द्र सरकार द्वारा कम्प्यूटर नीति की घोषणा होते ही संचार क्रान्ति का सूत्रपात हुआ । दिल्ली में सूचना केन्द्र स्थापित कर सभी राज्यों की राजधानियों से उसका कम्प्यूटर सम्पर्क स्थापित किया गया । इस दृष्टि से संचार उपग्रहों का प्रेक्षण कर जगह – जगह माइक्रोवेव टावर एवं दूरदर्शन टावर स्थापित किये गये । दूर – संचार विभाग को पूर्णतया सूचना प्रौद्योगिकी का रूप दिया गया । निजी कम्पनियों ने भी अपने टावर स्थापित कर सारे देश में संचार के नेटवर्क को गति प्रदान की । इसके फलस्वरूप दूरदर्शन के चैनलों तथा मोबाइल सेवाओं का विस्तार हुआ । साथ ही टेलेक्स , ई – मेल , ई – कॉमर्स , फैक्स , इन्टरनेट आदि संचार – साधनों का असीमित विस्तार होने से संचार तंत्र से जहाँ सूचना प्रौद्योगिकी का प्रसार हुआ है , वहाँ संचार – सुविधाओं में आश्चर्यजनक क्रान्ति आ गई है ।
3. सूचना प्रौद्योगिकी का विकास या संचार माध्यमों का प्रसार –
वर्तमान काल में संचार – सुविधाओं में जो क्रान्ति आयी है , उससे रेल एवं वायुयान आदि के टिकटों का आरक्षण , वेबसाइट पर विभिन्न परिणामों का प्रसारण , रोजगार समाचार एवं व्यापार – जगत् के उतार – चढ़ाव आदि का तत्क्षण पता चल जाता है । साइबर कैफों का विस्तार होने से अत्यल्प खर्च पर उनसे सारी जानकारी हासिल की जा सकती है ।
फैक्स एवं टेलीप्रिन्टर से संचार सुविधाओं का तीव्र गति से प्रसार हुआ है । अब तो ई – मेल विवाह सम्बन्ध भी होने लगे हैं । विभिन्न भू – उपग्रहों की सहायता से सारे विश्व की प्रमुख घटनाएँ प्रत्यक्ष दिखाई देती हैं और अन्तरिक्ष की गतिविधियों को देखा जा सकता है । यह सब संचार क्रांति के प्रसार से ही संभव हो सका है ।
4. सूचना प्रौद्योगिकी या संचार माध्यमों से लाभ-
संचार माध्यमों से समाज एवं देश को अनेक लाभ हुए हैं । शिक्षा क्षेत्र में साइबर शिक्षा , दूरदर्शन चैनल से शिक्षा तथा ऑन लाइन एजुकेशन का प्रसार हुआ है जिससे शहरों से दूर रहने वालों को लाभ मिल रहा है । विशालतम दूर – संचार नेटवर्क स्थापित होने से युवकों के लिए रोजगार के नये अवसर मिल रहे हैं । सर्वाधिक लाभ समाचार पत्रों को हुआ है , जिससे जनता भी लाभान्वित हो रही है । इंजीनियरिंग क्षेत्र में नये क्षेत्रों का सृजन हुआ है तथा देश के बड़े औद्योगिक परिसरों का विस्तार होने से सामान्य जनता को अत्यधिक लाभ मिल रहा है । अब तो ये सभी संचार – साधन समाज में दैनिक जीवन के लिए अत्यावश्यक बन गये हैं । संचार क्रान्ति से जीवन में अत्यधिक गतिशीलता आ गई है ।
5. उपसंहार –
वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी के फलस्वरूप संचार क्षेत्र में जो क्रान्ति आयी है , उससे व्यक्ति के दैनिक जीवन तथा सामाजिक जीवन को अनेक लाभ मिल रहे हैं । इससे रोजगार की उपलब्धता के साथ ही ज्ञान – विज्ञान एवं व्यवसाय आदि में भी अनेक सुविधाएँ बढ़ी हैं । निस्सन्देह संचार क्रांति की आश्चर्यजनक प्रगति सभी के लिए लाभकारी रहेगी
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इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर निबंध- Essay on Information Technology in Hindi
In this article, we are providing information about information Technology in Hindi- Essay on Information Technology in Hindi Language. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर निबंध, Suchna Prodyogiki Par Nibandh
सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध- Essay on Information Technology in Hindi
आज का युग कंप्युटर का युग है और सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर के जरिए सूचना प्रणाली का आधार है जिसके अंतर्गत आंकड़ो का और सूचना का संचय करना जैसे कार्य किए जाते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी सूचना के आदान प्रदान और उनके निष्पादन कै लिए बहुत ही लाभकारी है। यह आज के समय का सबसे बड़ा उद्योग बन चुकी है। इलैक्ट्रोनिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का ही अहम हिस्सा माना जाता है। विभिन्न सॉफ्टवेयरों के आविष्कार के साथ साथ सूचना प्रौद्योगिकी भी बेहतर हुई है और यह आंकड़ो को बेहतरीन रूप से एकत्रित करके रखती है।
सूचना प्रौद्योगिकी ने आज पूरे विश्व को इंटरनेट, सॉफ्टवेयर और विभिन्न हार्डवेयर के माध्यम से जोड़ दिया है। किसी भी देश की प्रगति के लिए यह बेहतरीन तकनीक है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती भी प्रदान करती है। सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों को सूचना प्रदान की जाती है और उससे ही निर्धन व्यक्ति जागरूक होता है और उसे मिलने वाली सुख सुविधाओं के विषय में जान सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार और लोगों के बीच में पारदर्शिता रहती है जिससे भ्रष्टाचार कम होता है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बच्चों का भविष्य बहुत ही उज्जवल हैं। यह आने वालो समय में रोजगार के नए नए अवसर दिलाएगा।
सूचना प्रौद्योगिकी ने व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में भी कायापलट कर दिया है। आज शिक्षा, स्वास्थय, उद्योग, व्यापार आदि सभी क्षेत्र सूचना प्रौद्योगिकी से प्रभावित है। सूचना प्रौद्योगिकी की शुरूआत अमेरिका से हुई थी पर इसके विकास में भारत ने एक अहम भूमिका निभाई है। सूचना प्रौद्योगिकी के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने में भारत सबसे आगे है। सूचना प्रौद्योगिकी हमारे सूचना प्राप्त करने कै अधिकार को सुरक्षित करती है। आज के युग को सूचना का युग भी कहा जाता है और यह सबसे ज्यादा जरूरी है।
कम्पयूटर और विज्ञान के क्षेत्र में अब बहुत गति आ गई है और यह क्षेत्र बेहतरीन भविष्य का निर्माण करता है। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी तेजी से प्रगति कर रही है इसलिए भारत के युवक युवतियों को चाहिए कि वह सूचना प्रौद्योगिकी को व्यापार के रूप में देखे क्योंकि आने वाले समय में सभी क्रियाकलाप इन्हीं से जुड़ जाऐंगें। हमें सूचना प्रौद्योगिकी में रूची लेनी चाहिए और इसका पूर्ण लाभ लेना चाहिए। यह उद्योग कै रूप में उभरता हुआ क्षेत्र है जिसे हमें प्रगति की चरम सीमा पर ले जाना होगा। हमें भी सूचना प्रौद्योगिकी का सूचारू रूप से प्रयोग करना चाहिए ताकि सूचना सुरक्षित रहे।
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सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध
Suchna praudyogiki par nibandh.
सूचना प्रौद्योगिकी ( ) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। के फलस्वरूप अब को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ( Information and Communication Technology , ICT ) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
- : इंटीग्रेट परिपथों का लघुकरण, कम्प्यूटिंग शक्ति में वृद्धि, उन्नत क्षमता युक्त एकीकृत परिपथों का विकास
- सूचना भण्डारण : आंकडा भण्डारण क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
- नेटवर्किंग : प्रकाशीय तंतुओं (आप्टिकल फाइबर) का तकनीकी में अत्यधिक विकास होने के कारण नेटवर्किंग सस्ती, तेज और आसान हो गयी है।
- साफ्टवेयर तकनीकी : नित नए-नए और उपयोगी साफ्टवेयरों के आने से सूचना प्रौद्योगिकी और अधिक उपयोगी बन गयी है।
सूचना प्रौद्योगिकी का महत्त्व
- सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा अर्थतंत्र (Service Economy) का आधार है।
- पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एक (appropriate technology) है।
- गरीब जनता को सूचना-सम्पन्न बनाकर ही निर्धनता का उन्मूलन किया जा सकता है।
- सूचना-संपन्नता से सशक्तिकरण (empowerment) होता है।
- सूचना तकनीकी, प्रशासन और सरकार में लाती है, इससे को कम करने में सहायता मिलती है।
- सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने, नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने में होता है।
- यह नये रोजगारों का सृजन करती है।
सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक
इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह (storage) करने वाली युक्तियाँ (devices) आतीं हैं।
इसके अन्तर्गत (Operating System), , (DBMS), तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक साफ्टवेयर आते हैं।
इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक (Processor) तथा इंटरनेट से जुडने के लिये तार या बेतार पर आधारित साफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।
तंत्र प्रशासक (System Administrator), नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि
सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव
सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था व वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है। इसीलिए इस अर्थव्यवस्था को (Information Economy) या (Knowledge Economy) भी कहने लगे हैं। वस्तुओं के उत्पादन (manufacturing) पर आधारित परम्परागत अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है और सूचना पर आधारित (service economy) निरन्तर आगे बढती जा रही है।
सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं - (e-learning), (e-health), (e-commerce), , (e-govermance), , , संगठन, प्रचार, , आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है। आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है।
सूचना प्रौद्योगिकी का भविष्य
सूचना के महत्व के साथ सूचना की सुरक्षा का महत्व भी बढ़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेष रूप से सूचना सुरक्षा एवं सर्वर के विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी।
सूचना प्रौद्योगिकी विभिन्न कालखण्डों में अपने समय की सूचना से सम्बन्धित समस्याओं (इन्पुट, प्रसंस्करण, आउटपुट, संचार आदि) को हल करने की जिम्मेदारी सम्भालती है। अतः इसके इतिहास को चार मूल कालखण्डों में बांटा जा सकता है-
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी
सम्बन्धित प्रश्न.
Purabak lol hai
आधुनिक सूचना प्रौधोगिकी
सूचना प्रौद्योगिकी का विकास
Suchna PTAdyogiki
आधुनिक सोचना प्रौद्योगिक
Computer ke input evam output device ka varnan kijiye
Suchna evem pradhogik future yug me computer ki prasngta par nibandh likhiye?
सूचना प्रौद्योगिकी वर्तमान और भविष्य पर निबंध
Please provide essay communication technology in Hindi (1000words)
सुचना पौधोगिकी पर निबंध
Suchna pradhogiki ka samaj ppar prabhav
Suchna prodyogiki ka Samaj par Prabhav
सूचना प्रद्योगिकी कि समस्याए
Suchna prodyogiki mein samajik avashyakta
Bahot Acchi jankari di aapne...
सूचना प्रौद्योगिकी का सामाजिक विस्तार
Itna bada kyu hai chota nahi ho sakta
Suchna kya hai
Proaudhog par nibandh bataaiye
Helth and cleannesh
Suchna prodyogiki par nibhand
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Hindi Essay-Paragraph on “Information Technology and Internet” “सूचना प्रौद्योगिकी और इंटरनेट” 700 words Complete Essay for Students.
Information technology and internet, सूचना प्रौद्योगिकी और इंटरनेट.
आज के इस वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास की दौर में विकसित सूचना प्रौद्योगिकी विकसित राष्ट्रों की पहचान तो है ही, विकासशील देशों के लिए भी अपेक्षित विकास के लिए एक शुभ अवसर लेकर आती है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इंटरनेट सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इंटरनेट दूर-संचार और उपग्रह प्रौद्योगिकी की मदद से लाखों कम्प्यूटरों का एक ऐसा सूचना-तंत्र है, जिसमें पूरा पुस्तकालय, रेडियो, दूरदर्शन के ढेरों चैनल, समाचार-पत्र, पत्रिकाएं और जानकारियों का अंबार लगा है। इसके द्वारा अपने कम्प्यूटर के सामने की-बोर्ड की सहायता से दुनियाभर की जानकारियां हासिल की जा सकती है। इंटरनेट से सूचनाएं प्राप्त करने के साधनों में ई-मेल, कार्मस, टेली-कांफ्रेंसिग, विडियो आदि प्रमुख हैं। आज हम देख रहे हैं कि हमारे जीवन में सूचना-क्रांति महत्त्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है।
इस इंटरनेट-प्रणाली का जन्म अमेरिका में शीत युद्ध के गर्भ से हुआ। 1960 के दशक में सोवियत संघ के परमाणु आक्रमण से चिंतित अमेरिकी सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था की संरचना की, जिससे अमेरिकी शक्ति किसी एक जगह पर केंद्रित नहीं रही। अमेरिका को विकेंद्रित इंटरनेट नेटवर्क से यह उम्मीद थी कि वह किसी भी आक्रमण से बचता रहेगा।
इस नेटवर्क में सभी कम्प्यूटर शक्ति से संबंधित सूचना को संगृहीत रख सकेगा। 70 के दशक में अमेरिका की रक्षा उन्नत अनुसंधान परियोजना एंजेसी ने अपने प्रयास में सफलता प्राप्त की और इस नेटवर्क का उदय हुआ जो कम्प्यूटरों के बीच बहु संयोजित पैकेट संजालों में सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सके। यही अंतर नेटिंग परियोजना परिष्कृत होकर इंटरनेट के नाम से जानी गई। अनुसंधान से विश्रारित प्रोटोकॉल का नियंत्रण प्रोटोकॉल और इंटरनेट प्रोटोकॉल कहा गया। इंटरनेट में प्रयुक्त उदाहरण भी उल्लेखनीय हैं। जो प्रयोक्त को बहरंगी सेवाओं का उपयोग करने के अवसर देते हैं। इनमें ई-मेल सर्वाधिक प्रचलित उपकरण है। इलेक्ट्रो-डाक लोगों की टेलीफोन निर्भरता को कम करता है और संवादों का आदानप्रदान आसान करता है। ई-मेल दो तरह के होते हैं इंटरनेट ई-मेल और गैर इंटरनेटमेल। तेजी से कम खर्च में डाक भेजने का साधन है-ई-मेल।
हम इंटरनेट को इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं- “कम्प्यूटर और टेली कम्यूनिकेशन के समन्वय से जिस सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हुआ है, उसी को ‘इंटरनेट’ कहते हैं।” इंटरनेट के माध्यम से सूचनाएं एकत्र होती हैं और प्राप्त की जा सकती हैं। सन् 1983 ई. से इंटरनेट पर फिल्में, गाने आदि सुविधाएं प्राप्त होने लगी है। इंटरनेट अकेले मल्टीमीडिया का काम कर देता है। मल्टीमीडिया जब सारे संसार में फैला हुआ है। इसे तकनीकी भाषा में वर्ल्ड वाइड वेव कहते हैं। यह उच्च स्तरीय तकनीक विधि है। जिसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को प्रशिक्षित होना पड़ता है।
इंटरनेट का विकास व्यावसायिक क्षेत्रों में काफी हुआ है। इंटरनेट की व्यापकता के कारण इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य के बाजार निम्न प्रकार के होते हैं
बी. सी. सी. । सी. ट्र. बी. । इसके अंतर्गत व्यावसायिक और उपभोक्ता बाजार से संबंधित सारी प्रक्रियाएं हम कम्प्यूटर पर पूरी करते हैं। उपभोक्ता या व्यावसायिक परिश्रम के अध्यतम समय में व्यापारिक मामले वय करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक गवनेंस की भी व्यवस्था प्रचलित हो गई है। अब प्रशासनिक फैसले भी अब इंटरनेट पर लिए जाते हैं। योजनाओं का क्रियांवयन के लिए समुचित उपाय की भी जानकारी प्राप्त होगी। ग्राम पंचायतों को भी अब इंटरनेट से जोड़ने का विचार चल रहा है। इससे ग्रामीण लोग भी सूचनाओं की सरलता से प्राप्त कर सकेंगे। विश्व समाज प्रौद्योगिकीय सुविधाओं का सदुपयोग अभी पारस्परिक दूरियों को खत्म करने के लिए कर रही है। व्यक्तिगत लाभ से लेकर जन कल्याण तक की दृष्टि से इंटरनेट एक उपयोगी उपलब्धि के रूप में प्रकट हो रहा है।
इंटरनेट विश्व में सभी समुदायों से संबद्ध मामलों पर विचार-विमर्श के रूप में पूरे विश्व में सूचना-तंत्र बन सकती है। हम इंटरनेट के माध्यम से अपने मित्र से कभी भी बात कर सकते हैं। हम इंटरनेट पर अखबार या विश्व की घटनाओं की ताजी जानकारियां हासिल कर सकते हैं।
एक ओर इंटरनेट से सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं, तो दूसरी ओर अश्लील सूचनाएं और फिल्में भी चलाई जाती है। इससे युवा पीढ़ी का नुकसान होता है। नयी उम्र के लोगों का नैतिक पतन संभावित है। भारत सरकार ने इंटरनेट पर होने वाले अपराध के लिए अक्टूबर 2000 में सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट बनाया है। लेकिन इंटरनेट का बुरा इस्तेमाल बुरे लोग ही करते हैं।
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